Goat farming in India
Updated: Dec 5, 2020
बकरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इससे प्राप्त होनेवाली वस्तुएं, दूध, बाल, चमड़े जैविक खाद इत्यादि सभी प्रकार से लाभदायक है। इसके पालन-पोषण में थोड़ी सावधानी एवं जानकारी से अधिक से अधिक लाभ मिलता है।
अच्छी नस्ल की मांसवाली या दूधवाली या दोनों प्रकार की बकरी देशी या संकर का चुनाव करें।बकरी गर्म होने पर देशी, विदेशी या संकर नस्ल से पाल दिलवाएं। इसकी सुविधा राँची पशुचिकित्सा महाविद्यालय में उपलब्ध है।
दिलाने का उचित समयगर्म होने के 20-30 घंटे के अंदर ही प्राकृतिक या कृत्रिम रूप से गर्भाधान कराएँ। अधिक समय यह ध्यान देना चाहिए कि बच्चे अधिक जाड़े या गर्मी के मौसम में पैदा नहीं हों ।
पैदा होने का
समयलगभग 145-150 दिनों के गर्भाधान के बाद बच्चों का जन्म होता है। अत: पाल दिलाते समय यह ध्यान देना चाहिए कि बच्चे अधिक जाड़े या गर्मी के मौसम में पैदा नहीं हों।
मे
की देखभालबकरियों को सुबह 8 बजे से 11 बजे तथा शाम 3 बजे से 5 बजे तक चराना चाहिए। दोपहर के समय में अधिक
-गर्मी से बचाना चाहिए। सुबह या शाम को 200-250 ग्राम दाना प्रति बकरी देना चाहिए।
का पानी:
जल पूरी मात्रा में मिलनी चाहिए।
तथा बीमारियों से बचावछोटे बच्चों को जन्म के बाद से ही
देते रहना चाहिए। इसमें पोषण के अलावा रोग निरोधक शक्ति भी है। छोटे बच्चों को ठंडक से बचाना चाहिए। समय-समय पर
से बचाव के लिए दवा पिलानी चाहिए। समय-समय पर
जांच कराकर उचित
दवाई दें। आवश्यकता पड़ने पर
से सलाह लें।
का दूधयह दूध अति सुपाच्य है और मनुष्य के छोटे बच्चों के लिए अत्यधिक लाभकारी है। इसके सूक्ष्म पोषक तत्व जल्दी ही पच जाते हैं। इसमें शरीर पोषण की अधिक क्षमता है, जो माता के दूध के समतुल्य है तथा इसमें रोग-निरोधक गुण भी मौजूद हैं।
पालन सम्बन्धी आवश्यक बातें1.
बंगाल बकरी का प्रजनन बीटल नस्ल के बकरी से करायें।2.
का प्रथम प्रजनन 8-10 माह की उम्र के बाद ही करायें।3.
नस्ल से पैदा संकर पाठी या बकरी का प्रजनन संकर बकरा से करायें।4.
और बकरी के बीच नजदीकी सम्बन्ध नहीं होना चाहिए।5.
के गर्म होने के 10-12 एवं 24-28 घंटों के बीच 2 बार पाल दिलाएँ।6. बच्चा देने के 30 दिनों के बाद ही गर्म होने पर पाल दिलाएँ।7. बकरियों को गर्भावस्था के अंतिम डेढ़ महीने में चराने के अतिरिक्त कम से कम 200 ग्राम दाना का मिश्रण अवश्य दें।8. बकरियों के आवास में प्रति बकरी 10-12 वर्ग फीट की जगह दें तथा एक घर में एक साथ 20 बकरियों से ज्यादा नहीं रखें।9. बच्चा जन्म के समय बकरियों को साफ़-सुथरी जगह पर
आदि पर रखें।10. बच्चा जन्म के समय अगर मदद की आवश्यकता हो तो साबुन से हाथ धोकर मदद करनी चाहिए।11. जन्म के उपरान्त नाभी को 3 इंच पीछे से नया ब्लेड से काट दें तथा इरोल या
आयोडीन या
लगा दें। यह दवा 2-3 दिनों तक लगायें।12. जन्म के बाद बच्ची की नाभी को अच्छी तरह साफ़ करें एवं बच्चों की माँ का प्रथम दूध जन्म के 20 मिनट के अंदर पिलायें।13. बकरी, खासकर बच्चों को ठंड से बचाएँ।14. बच्चों को माँ के साथ रखें तथा रात में माँ से अलग कर टोकरी में ढककर रखें।15. नर बच्चों का बंध्याकरण 2 माह की उम्र में कराएँ।16. बकरी के आवास को साफ़-सुथरा एवं हवादार रखें।17. अगर सम्भव हो तो घर के अंदर मचान पर बकरी तथा बकरी के बच्चों को रखें।18. बकरी के बच्चों को समय-समय पर
दवा पानी में मिलाकर पिलायें। इससे
का प्रकोप कम होगा।19. बकरी के बच्चों को
के प्रकोप से बचाने हेतु डॉक्टर की सलाह से दवा दें।20. तीन माह के अधिक उम्र के प्रत्येक बच्चों एवं बकरियों को दो
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का टीका अवश्य लगायें।21. बकरी तथा इनके बच्चों को नियमित रूप से कृमिनाशक दवा दें।22. बकरियों को नियमित रूप से
से बचाव के लिए जहर स्नान करायें तथा आवास में छिड़काव करें।23. बीमार बकरी का उपचार डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें।24. नर का वजन 15 किग्रा. होने पर मांस हेतु व्यवहार में लायें।25.
(खस्सी) और पाठी की बिक्री 9-10 माह की उम्र में करना लाभप्रद है।दस वयस्क बकरियों से आय-व्यय का ब्यौराव्ययक.
व्यय 1. दस वयस्क ब्लैक बंगाल बकरियों का क्रय मूल्य @ रु.1000 प्रति बकरी10,000.00 2.
बकरा का क्रय मूल्य @ रु. 3000 प्रति बकरा3,000.00 3.
-बकरी के लिए आवास व्यवस्था5,000.00 4. बर्तन500.00 कुल18,500.00ख.आवर्ती-व्यय 1. 30 मेमनों के लिए 100 ग्राम दाना/दिन मेमना की दर से 180 दिनों के लिए दाना मिश्रण कुल 5.5 क्विं @ रु. 600 प्रति क्विं.3300.00 2. एक बकरा (150) ग्रा./बकरा/दिन तथा दस बकरी के लिए (100 ग्रा./बकरी/दिन) आवश्यक कुल दाना मिश्रण 4.5 क्विं. @ रु. 600 प्रति क्विं.2,700.00 3. दवा टीका आदि पर सालाना खर्च 2,000.00कुल 8,000.00कुल खर्च (क + ख)26,500.00आय की गणना यह मानकर की गई है कि 2 वर्ष में एक बकरी तीन बार बच्चों को जन्म देगी तथा एक बार 2 बच्चे पैदा करेगी। बकरियों की देखरेख घर की औरत तथा बच्चों द्वारा की जायेगी एवं सभी बकरियों को 8-10 घंटे प्रतिदिन चराया जायेगा। आय की गणना करते समय यह माना गया है कि चार बच्चे की मृत्यु हो जायेगी तथा 13 नर और 13 बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। एक नर और 2 मादा की प्रजनन हेतु रखकर पुरानी 2 बकरियों की बिक्री कर दी जायेगी। 1. नौ-दस माह की उम्र में 12 संकर नर के विक्रय से प्राप्त राशि @ रु. 1500/- प्रति बकरी18,000.00 2. नौ-दस माह की उम्र में 11 संकर मादा के विक्रय से प्राप्त राशि @ रु.2000/- प्रति बकरी22,000.00 3. दो ब्लैक बंगाल मादा की बिक्री से प्राप्त राशि/ रु.500/- प्रति बकरी1000.00 कुल41,000.00 घ.कुल आमदनी=आय-आवर्ती खर्च। ब्लैक बंगाल बकरी तथा बकरा के क्रय का 20 प्रतिशत, आवास खर्च का 10 प्रतिशत, बर्तन खर्च का 20 प्रतिशत। = 41,000-8,000-13,000 का 20% - 5,000 का 10% - 500 का 20% = 41,000-8,000-2,600-500-100 = 41,000 – 11,200 = 29,800 – रु.प्रतिवर्ष = 2980 रु./बकरी/वर्षइस आय के अतिरिक्त बकरी पालन प्रतिवर्ष कुल 3000 रु. मूल्य के बराबर एक
बकरा तथा एक या दो बकरी की बिक्री नहीं कर प्रजनन हेतु खुद रखेगा। पाँच वर्षों के बाद बकरी पालन के पास 10 संकर नस्ल की बकरियां एवं उपयुक्त संख्या में संकर बकरा उपलब्ध होगा।